
भारत ने ‘अमृत काल’ में G20 की अध्यक्षता शुरू की
यह महामारी के बाद आर्थिक स्थिति में आए हुए सुधार के बाद की भू-राजनीतिक उथल-पुथल और अनिश्चितता का समय है। 1 दिसंबर, 2022 को भारत ने इंडोनेशिया से एक वर्ष के लिए G20 की अध्यक्षता अपने हाथों में ले ली। भारत ने अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य पर 15 अगस्त, 2022 को ही अगले 25 वर्ष के लिए यानी स्वतंत्रता के पूरे सौ वर्ष पूरे होने तक अमृत काल की घोषणा कर दी।
इस ‘अमृत काल‘ में भारत का उद्देश्य है सशक्त सार्वजनिक वित्तों और सुदृढ़ वित्तीय क्षेत्र को बढ़ावा देने के साथ-साथ टेक्नोलॉजी से प्रेरित ऐसी अर्थव्यवस्था का निर्माण करना जिसमें विविध स्त्रोतों से प्राप्त होने वाली जानकारी के आधार पर लोगों के लिए नई जानकारी तैयार कर उन्हें विचारपूर्ण आर्थिक निर्णय लेने में सहायता करना।
अमृत काल’ का लक्ष्य है भारत और भारत के नागरिकों के लिए समृद्धि की नई बुलंदियों को छूना। ‘अमृत काल’ अगले 25 वर्षों तक जारी रहेगा और हमारे देश को चाहिए कि वह अपने नागरिकों के जीवन में सुधार लाने, गाँवों और शहरों के बीच की भिन्नता को कम करने, लोगों के जीवन में सरकार के हस्तक्षेप को घटाने और भारत में आधुनिक मूलभूत सुविधाओं का निर्माण करने की दिशा में काम करना शुरू कर दे।
‘अमृत’ शब्द संस्कृत भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है “अमरता”, यानी ऐसा भोजन या पेय जो अमरता प्रदान करता हो, और “काल” शब्द का अर्थ है ‘समय’।
‘अमृत’ शब्द संस्कृत के ‘अ’ उपसर्ग से बना है। यह नकारात्मकता प्रकट करने वाला उपसर्ग है जिससे ‘नहीं’ अर्थ का बोध होता है और संस्कृत में ‘मृत’ का अर्थ है ‘मृत्यु’। इस तरह अमृत का अर्थ है ‘न मरने वाला’ या ‘अमर/मृत्युहीन’।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और सबसे अधिक तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होने के नाते भारत की G20 अध्यक्षता पिछली 17 अध्यक्षताओं की महत्वपूर्ण उपलब्धियों को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
द ग्रूप ऑफ़ ट्वेंटी (G20) अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए स्थापित किया हुआ सबसे बड़ा मंच है। यह सभी प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों की वैश्विक संरचना और संचालन को आकार देने और उसे सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
G20 शिखर सम्मेलन प्रतिवर्ष एक अध्यक्षता के नेतृत्व में आयोजित किया जाता है। इस अध्यक्षता की बागडोर प्रत्येक वर्ष बारी-बारी से अलग-अलग हाथों में रहती है। G20 ने शुरू में बड़े पैमाने पर व्यापक आर्थिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया था, लेकिन उसके बाद इसने अपने एजेंडे को विस्तारित करते हुए इसके अंतर्गत व्यापार, धारणीय विकास, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और भ्रष्टाचार विरोध जैसे कई मुद्दों को अपना लक्ष्य बनाया।
19 देशों और यूरोपीय संघ से बने हुए G20 समूह की स्थापना 1999 में वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों को अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी। वैश्विक आबादी की लगभग दो-तिहाई आबादी, वैश्विक व्यापार का 75% हिस्सा और दुनिया के GDP का 85% हिस्सा G20 देशों का है। 2007 में विश्व स्तर पर उत्पन्न हुए वित्तीय और आर्थिक संकट के परिप्रेक्ष्य में G20 को राज्य/सरकार के मुख्य भाग का दर्जा दिया गया और इसे “अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए प्रमुख मंच” का नाम दिया गया।
G20 संयुक्त राष्ट्र, विश्व स्वास्थ्य संगठन, विश्व बैंक और IMF जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के अलावा बांग्लादेश, सिंगापुर, स्पेन और नाईजीरिया जैसे गैर-सदस्य देशों को भी आमंत्रित करता है।
भारत की G20 अध्यक्षता ‘वसुधैव कुटुम्बकम्‘ को बढ़ावा देने का काम करेगी जिसका अर्थ है “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य”। यही भारत की G20 अध्यक्षता की थीम है। ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ संस्कृत की एक उक्ति है जो महा उपनिषद से ली गई है।
G20 के दो मुख्य ट्रैक हैं: वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के लिए वित्त ट्रैक और शेरपा ट्रैक। शेरपाओं को सदस्य राष्ट्रों के नेताओं के व्यक्तिगत प्रतिनिधियों के रूप में नियुक्त किया जाता है, इसलिए G20 की कार्यवाहियों का नेतृत्व शेरपा करते हैं। इन शेरपाओं पर साल भर चलने वाली वार्ताओं की देखरेख करने, शिखर सम्मेलन के एजेंडे पर विचार-विमर्श करने और G20 के महत्वपूर्ण कार्यों का समन्वय करने की ज़िम्मेदारी होती है। विशिष्ट थीम पर चर्चा करने के लिए दोनों ट्रैक में संबंधित पक्षों के प्रतिनिधियों के साथ उनके कार्यकारी दल होते हैं।
इस वर्ष के कार्यकारी समूह सामाजिक-आर्थिक प्रगति के लिए विश्व स्तर पर प्राथमिक ध्यान की माँग करने वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जैसे कि हरित विकास, जलवायु वित्त, समावेशी विकास, डिजिटल अर्थव्यवस्था, सार्वजनिक मूलभूत सुविधा, प्रौद्योगिकी परिवर्तन और महिला सशक्तीकरण के लिए सुधार योजनाएँ। ये सभी कदम धारणीय विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की गति को तेज़ करने और आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए हैं।
भारत की G20 प्राथमिकताएँ:
- हरित विकास, जलवायु वित्त और LiFE
- लाइफ़स्टाइल फ़ॉर द एनवायरनमेंट (LiFE) मूवमेंट। पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए व्यक्तिगत और सामुदायिक कार्रवाई को बढ़ावा देने हेतु भारत के नेतृत्व में चलाया गया वैश्विक जन आंदोलन।
- अतिशिर्घ्र, समावेशी और लचीला विकास
- धारणीय विकास लक्ष्यों (SDG) को प्राप्त करने की गति में तेज़ी लाना
- टेक्नोलॉजी में परिवर्तन और डिजिटल सार्वजनिक मूलभूत सुविधा
- 21वीं सदी के लिए बहुपक्षीय संस्थान
- विकास में महिलाओं का नेतृत्व
G20 शिखर सम्मेलन 2023 के लिए भारत के मेज़बान शहर:
फिर G20 भारतीय अध्यक्षता के अंतर्गत पहले G-20 इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रूप (IWG) की बैठक पुणे में 16-17 जनवरी 2023 के दौरान आयोजित की गई थी। पुणे भारत के पश्चिमी राज्य, महाराष्ट्र में स्थित है और यह भारत के सबसे महत्वपूर्ण औद्योगिक और शैक्षिक केंद्रों में से एक है।
उत्तर प्रदेश सरकार का प्रमुख निवेश शिखर सम्मेलन 10-12 फ़रवरी 2023 को लखनऊ में संपन्न हुआ। शिखर सम्मेलन ने सामूहिक रूप से व्यापार के अवसरों का पता लगाने और साझेदारी के संबंध स्थापित करने के लिए दुनियाभर के नीति निर्माताओं, उद्योग नेताओं, शिक्षाविदों, थिंक टैंक और नेताओं को एक मंच पर ला खड़ा किया।
बेंगलुरु में 22 से 25 फ़रवरी, 2023 तक पहले G20 के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर तथा दूसरे G20 के वित्त और केंद्रीय बैंक के प्रतिनिधियों की बैठकें। बेंगलुरु (जिसे बैंगलोर भी कहते हैं) भारत के दक्षिणी राज्य, कर्नाटक की राजधानी है। यह भारत के हाई-टेक उद्योग का केंद्र है।
फिर U20 शहर, U20 महापौर शिखर सम्मेलन के लिए 2023 के मध्य में अहमदाबाद (अहमदाबाद (पश्चिमी भारत में स्थित), गुजरात राज्य का सबसे बड़ा शहर है) में एकत्रित होंगे और 9-10 सितंबर 2023 को नई दिल्ली में होने जा रहे अगले G20 नेताओं के शिखर सम्मेलन से पहले भारत सरकार को अपनी संयुक्त सिफ़ारिशें पेश करेंगे।
भारत पहली बार G20 आयोजित करने जा रहा है। जोश और जीवंतता से भरा हुआ भारत इसे सफलतापूर्वक संपन्न करेगा। यह भारत की विकास यात्रा को देखने का एक बहुत ही खास समय है। भारत एक सशक्त केंद्र या पावरहाउस बनने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ रहा है।
Ref. No – FB03231057
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